प्रिया की आस

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प्रिया की आस मन के सूने दरवाजे पर , तुम धीरे  से दस्तक दोगे? दीप जलाकर बैठी हूं मैं , क्या तुम इसे  सजा दोगे? शाम हो गई तुम बिन सूनी ...

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